उत्तराखंड जल्द ही देश का पहला राज्य बनने जा रहा है जहां समान नागरिक संहिता लागू होगी। राज्य की धामी सरकार कार्रवाई के लिए तैयार है और इस दिशा में तेजी से काम कर रही हैह राज्य में यूसीसी लागू करने की तैयारियों के बीच इसका प्रारूप तय करने के लिए गठित समिति का कार्यकाल अगले चार महीने के लिए बढ़ाया जा सकता है। समिति का कार्यकाल 28 सितंबर को समाप्त हो रहा है। सरकार को मसौदा सौंपने के बाद भी बहुत काम बाकी है। ऐसे में एक बार फिर से समिति का कार्यकाल बढ़ाने की तैयारी है।
अब तक समिति का कार्यकाल दो बार बढ़ाया जा चुका है। इससे पहले समिति का कार्यकाल नवंबर 2022 में छह महीने के लिए बढ़ाकर मई 2023 तक किया गया था। इसके बाद मई 2023 में समिति का कार्यकाल चार महीने के लिए यानी सितंबर तक बढ़ा दिया गया था। चूंकि अभी भी काफी काम बाकी है, इसलिए समिति का कार्यकाल एक बार फिर बढ़ाया जा सकता है।
माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री के देहरादून लौटने पर यह आदेश जारी किया जाएगा। आपको बता दें कि समान नागरिक संहिता लागू करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने समान नागरिक संहिता का मसौदा तैयार करने के लिए 27 मई, 2022 को न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई (सेनि) की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया था।
लगभग 15 माह के कार्यकाल में विशेषज्ञ समिति की अब तक 75 से अधिक बैठकें हो चुकी हैं और समिति को 2.35 लाख से अधिक सुझाव प्राप्त हो चुके हैं। समिति को इस साल जून तक समान नागरिक संहिता का मसौदा पेश करना था, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। समान नागरिक संहिता की राज्य की पहल को इस साल राज्य में प्रस्तावित आगामी लोकसभा और नगर निकाय चुनाव के लिहाज से काफी अहम माना जा रहा है।