दिल्ली में हाट बाज़ारों का आयोजन किया जा रहा है जहां कई राज्यों के घरेलू प्राकृतिक सामग्री उत्पाद एक ही छत के नीचे बेचे जाएंगे। इसमें प्रगति मैदान में आयोजित होने वाली “जी 20 क्राफ्ट मार्केट प्रदर्शनी” में स्टालों पर उत्तराखंड के उत्पादों को भी प्रदर्शित किया गया है। उत्तराखंड के नोडल अधिकारी डॉ. एम.एस. उद्योग विभाग के उपनिदेशक सजवाण ने बताया कि उत्तराखंड उद्योग विभाग द्वारा लगाये गये स्टॉल में उत्तराखंड राज्य के हथकरघा एवं हस्तशिल्प उत्पादों को प्रदर्शित किया गया है।
लोगो की पहली पसंद बन रहे है उत्तराखंड के उत्पाद
यहां अल्मोडा का ऊनी दुपट्टा, डुंडा शॉल, पिथौरागढ का ऊनी कालीन, केदारनाथ और अन्य धार्मिक स्थलों की लकड़ी की प्रतिकृति, नैनीताल ऐपण शामिल हैं। उधमसिंहनगर के मूंज घास उत्पाद, बागेश्वर के तांबे के उत्पाद, प्राकृतिक फाइबर जैकेट प्रदर्शित किये गये हैं। यह देश का सबसे बड़ा इनडोर हॉल है, जिसे भारत मंडपम भी कहा जाता है, जो दुनिया की महाशक्तियों को एक मंच पर लाने के लिए तैयार है। यह पहला मौका होगा जब दुनिया के सबसे ताकतवर देश के राष्ट्राध्यक्ष एक साथ एक ही समय पर दिल्ली में होंगे।
इस बार दुनिया भर की निगाहें भारत पर हैं, क्योंकि जी-20 शिखर सम्मेलन में बड़े-बड़े राष्ट्राध्यक्ष मौजूद रहेंगे. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन जी-20 में शामिल होने के लिए कुछ ही घंटों बाद दिल्ली पहुंच रहे हैं. ऐसे ही दुनिया के तमाम बड़े देशों के राष्ट्राध्यक्ष दिल्ली आ रहे है।
जी-20 की मेजबानी कर भारत अपनी ताकत दिखा रहा है. राष्ट्राध्यक्षों के भारत आने का एक और मतलब है, इस नजरिये से समझें. अगर जी-20 की ताकत को दुनिया की जीडीपी के पैमाने पर मापा जाए तो पता चलेगा कि दुनिया की 80 फीसदी जीडीपी इन्हीं देशों को मिलाकर बनती है।
इन देशों में दुनिया की 60 प्रतिशत आबादी रहती है और जी-20 देश 75 प्रतिशत वैश्विक व्यापार पर नियंत्रण रखते हैं, जबकि जी-20 देश दुनिया के कुल उत्पादन का 80 प्रतिशत हिस्सा साझा करते हैं। यानी ये पल भारत के लिए ऐतिहासिक होने वाला है।