पर्यटन की दृष्टि से उत्तराखंड को और सुदृढ करने के लिए इसे राज्य बनाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार दोनों युद्ध स्तर पर काम कर रही हैं। देखा जा रहा है कि कोरोना के बाद हर साल हर मौसम में उत्तराखंड में पर्यटकों की संख्या बढ़ती जा रही है, जिसके कारण कई बार जाम की समस्या का सामना करना पड़ता है। इसके पीछे मुख्य कारण सड़क पर अनियमित पार्किंग है जिसके परिणामस्वरूप कभी-कभी भारी जाम लग जाता है।यहां तक कि जब कोई विशेष मौसम नहीं होता तब भी भीड़ सप्ताहांत में पहाड़ की ओर दौड़ पड़ती है और उन्हें जाम के अलावा कुछ नहीं मिलता। इससे सड़क जाम और अन्य समस्याएं पैदा होती हैं। लेकिन अब समस्या का समाधान ढूंढ लिया गया है, बताया जा रहा है कि राज्य में टनल और उत्तराखंड मल्टी लेवल पार्किंग के लिए संभावनाएं तलाशी जा रही हैं।
मल्टीलेवल पार्किंग से एक ही जगह पर खड़ी होंगी सैकड़ो कारें
सरकार वाहन पार्किंग सुविधाएं विकसित करने पर फोकस कर रही है। ताकि उत्तराखंड घूमने आने वाले पर्यटकों को अपने वाहन की सुरक्षा को लेकर कोई परेशानी न हो और वाहन चलाते समय बुरे अनुभव से न गुजरना पड़े। इसके लिये। संदर्भ अपर मुख्य सचिव आवास आनंद बर्द्धन ने सोमवार को अधिकारियों की बैठक ली। इस दौरान उन्होंने कहा कि राज्य में टनल और मैकेनिकल पार्किंग की संभावनाएं तलाशी जानी चाहिए. प्राधिकरण स्तर पर संचालित पार्किंग परियोजनाओं को शीघ्र पूरा करना सुनिश्चित किया जाए।
पार्किंग योजना के अलावा सिटी मोबिलिटी प्लान, यूनिटी मॉल, लैंड बैंक, शेल्टर फंड, मानचित्रों के निस्तारण पर भी चर्चा हुई। अपर मुख्य सचिव ने निर्देश दिये कि यूनिटी मॉल के लिये ऋषिकेश, देहरादून, नैनीताल, हरिद्वार एवं उधमसिंह नगर में भूमि चिन्हित कर ली जाये, जो जल्द ही तैयार कर ली जायेगी। केंद्र की योजना हर शहर में यूनिटी मॉल स्थापित करने की है जहां स्थानीय उत्पादों को बिक्री आसानी से हो सकेगी।
यह भी बताया गया कि शहरों में यातायात व्यवस्था सुचारू हो इसके लिए सिटी मोबिलिटी प्लान बनाना वास्तव में जरूरी है। इसके लिए मास्टर प्लान तैयार करते समय सिटी मोबिलिटी प्लान के आधार पर प्रावधान किए जाएं। अधिकारी मानचित्रों की स्वीकृति को सुलभ एवं आसान बनाने के साथ-साथ निर्धारित अवधि में स्वीकृत करना सुनिश्चित करें। यह भी निर्देश दिया गया है कि अधिकारी कमजोर आय वर्ग के लिए आवास निर्माण के लिए प्राप्त आश्रय निधि का उपयोग करें।