हल्द्वानी के लोगों की वर्षों पुरानी समस्या अब पूरी होने वाली है। छह साल बाद ही सही शासन-प्रशासन ने शहर को जाम से मुक्ति दिलाने की कवायद शुरू कर दी है।यह प्रोजेक्ट जल्द ही रिंग रोड के दो सेक्टरों में शुरू होगा। इसे चार सेक्टरों में बांटा गया है। अगर इस योजना को मंजूरी मिल गई तो आने वाले समय में हलद्वानी वासियों को जाम से नहीं जूझना पड़ेगा, पर्यटकों को भी राहत महसूस होगी। 24 अगस्त को रिंग रोड की समीक्षा के दौरान सचिव लोनिवि डॉ. पंकज भट्ट ने योजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
बताया जा रहा है कि परियोजना के तहत एक सेक्टर लामाचौड़ से फुटकुआं तक, दूसरे चरण में गन्ना सेंटर से मोटाहल्दू तक, तीसरे में मोटाहल्दू से गौलापार होते हुए काठगोदाम तक और चौथे में नरीमन तिराहे से गुलाबघाटी होते हुए बूरा पनियाली तक और फ़तेहपुर।
पहले अन्य 4 सेक्टर में काम होगा, उसके बाद तीसरे और चौथे सेक्टर का काम एनएचएआई के माध्यम से होगा। रिंग रोड के लिए वन भूमि के अलावा निजी भूमि की भी आवश्यकता है, इसके लिए योजना पहले से ही गतिमान है। बता दें कि 22 अप्रैल 2017 को सीएम बनने के बाद पहली बार नैनीताल जिले में पहुंचे त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने हल्द्वानी को जाम से मुक्ति दिलाने के लिए रिंग रोड बनाने की घोषणा की थी।
मुख्यमंत्री की इस घोषणा के बाद पी.डब्ल्यू.डी. सर्वे किया और कंपनी के साथ प्रोजेक्ट से जुड़ी फाइलों का ढेर लगा दिया, लेकिन बाद में मामला ठंडे बस्ते में चला गया। उस समय फिजिबिलिटी टेस्ट के लिए क्राफ्ट कंसल्टेंसी कंपनी को 1.57 करोड़ रुपये का भुगतान भी किया गया था। 51 किमी लंबी रिंग रोड का प्रस्ताव तो तैयार हो गया, लेकिन मामला फाइलों से आगे नहीं बढ़ सका। अब इसे लेकर फिर से कवायद शुरू हो गई है, उम्मीद है कि इस बार शहरवासियों को निराश नहीं होना पड़ेगा।