मन की बात में छाये नैनीताल के शुभम्, घोड़ा लाइब्रेरी शुरू करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा

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जब से नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने हैं उन्होंने मन की बात करना शुरू कर दिया है जहां वह देश से जुड़ी गंभीर चीजों के बारे में बात करते थे। वह जब भी रेडियो पर आते हैं तो मन की बात कार्यक्रम में युवाओं का जिक्र करना नहीं भूलते। जो भी कहानी उन्हें अद्भुत लगती, वे उसे दुनिया को जरूर सुनाते। इस बार पीएम मोदी ने नैनीताल जिले के रहने वाले शुभम का परिचय दुनिया से कराया है. हाल ही में नैनीताल जिले के सुदूरवर्ती कोटाबाग विकासखंड में अश्व पुस्तकालय शुरू करने को लेकर शुभम पूरे देश में वायरल हुए थे। पिछले कुछ समय से शुभम का ये काम सुर्खियों में बना हुआ है।

गांव के इलाको में बच्चों को किताब पढ़ने का काम लिखा है घोड़ा लाइब्रेरी

प्रधानमंत्री मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में नैनीताल की घोड़ा लाइब्रेरी के विचार की सराहना की। जिले के कुछ युवाओं ने बच्चों के लिए अनोखी हॉर्स लाइब्रेरी शुरू की है। मालूम हो कि गर्मी की छुट्टियों में बच्चे स्कूलों से दूर रहते थे, लेकिन किताबें बच्चों से दूर नहीं रहनी चाहिए। यह घटना नैनीताल जिले के सुदूरवर्ती कोटाबाग विकासखंड के गांवों की है, जहां हिमोत्थान टाटा ट्रस्ट ने गर्मी की छुट्टियों में भी बच्चों की साहित्यिक किताबें बच्चों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी ली थी।

हिमोत्थान के शुभम बधानी ने बताया कि नैनीताल के सुदूर पर्वतीय गांवों जैसे (तल्ला जालना, मल्ला जालना, मल्ला बघानी, सलवा और बदनधूरा) में न सड़कें हैं, न अन्य सुविधाएं, कुछ पैदल रास्ते हैं, जिसका खामियाजा भी उन्हें भुगतना पड़ रहा है। भूस्खलन. ऐसे में बच्चों को किताबें मुहैया कराने के लिए घोड़ा लाइब्रेरी एक बेहतरीन विकल्प है। इसकी शुरुआत हिमोत्थान टाटा ट्रस्ट द्वारा पर्वतीय गांवों बाघनी, छड़ा, सलवा, जालना के युवाओं और स्थानीय शिक्षा प्रेरकों की मदद से की गई थी। दुर्गम पहाड़ी गांवों में घोड़ा लाइब्रेरी के माध्यम से हर 4-5 दिन में किताबें उपलब्ध करायी गयीं।

इसमें शिक्षा प्रेरक सुभाष बधानी, स्थानीय लोग हरीश बधानी, मनोज बधानी, रवि रावत, शरद बधानी, कौशल कुमार आदि का इस पहल में विशेष योगदान रहा। मन की बात कार्यक्रम सुनने के दौरान जैसे ही केंद्रीय रक्षा एवं पर्यटन राज्य मंत्री अजय भट्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुंह से नैनीताल जिले के कोटाबाग के सुदूर इलाके में युवाओं द्वारा हॉर्स लाइब्रेरी शुरू करने का जिक्र सुना, खुद को नहीं रोक पाए और उन्होंने तुरंत ग्रामीण इलाकों की बात कर दी। घोड़ा लाइब्रेरी चलाने वाले शुभम को दूरभाष पर बधाई एवं शुभकामनाएं दी गई हैं।

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