राज्य के पहाड़ी क्षेत्र होने तथा राज्य में स्थानीय लोगों के लिए रोजगार/प्रबंधन के उचित साधन उपलब्ध न होने के कारण। निवासी और किसान अपनी भूमि का उचित उपयोग नहीं कर पा रहे हैं, इसलिए कृषि भूमि बंजर होती जा रही है। जानिए मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना के बारे में पूरी जानकारी। राज्य के ऐसे लघु एवं सीमांत कृषकों एवं बेरोजगार निवासियों को स्वरोजगार के अवसर प्रदान करना तथा कृषि के लिए अनुपयुक्त भूमि पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित कर उत्पादित विद्युत को यूपीसीएल को बेचकर आय के साधन विकसित करने के लिए प्रोत्साहित करना।
अब बंजर से भी होगी उत्तराखंड के ग्रामीणों की कमाई
यह योजना राज्य के ऐसे छोटे और सीमांत किसानों और बेरोजगार निवासियों को स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने और उन्हें अनुपयुक्त भूमि पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करके उत्पादित बिजली को यूपीसीएल को बेचकर आय के साधन विकसित करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए शुरू की गई है। कृषि।
योजना के मुख्य उद्देश्य इस प्रकार हैं:
- युवा उद्यमियों, उत्तराखंड के ऐसे प्रवासी जो कोविड-19 के कारण राज्य में वापस आये हैं तथा लघु एवं सीमांत किसानों को स्थानीय स्तर पर स्वरोजगार के अवसर प्रदान करना।
- युवाओं को पहाड़ी और ग्रामीण क्षेत्रों में नौकरी की तलाश में पलायन करने से रोकना।
- ऐसी कृषि भूमि जो बंजर होती जा रही है, उस पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित कर आय के साधन विकसित करना।
- राज्य में हरित ऊर्जा के उत्पादन को बढ़ावा देना एवं आर.पी.ओ. की पूर्ति सुनिश्चित करना।
- योजना के अंतर्गत सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना के साथ-साथ पशु पालन तथा फल, सब्जी एवं जड़ी-बूटी का उत्पादन कर अतिरिक्त आय के साधन विकसित किये जाये।
योजना का विवरण
- योजना का नाम मुख्यमंत्री सौर स्वरोज़गार योजना होगा।
- यह योजना पूरे राज्य में लागू की गई थी
- इस योजना के तहत 25 किलोवाट क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्रों की अनुमति होगी।
- इस योजना के तहत पात्र व्यक्ति अपनी निजी भूमि या पट्टे पर भूमि लेकर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित कर सकेंगे।
- इस योजना के तहत पात्र आवेदकों को 10000 परियोजनाएं आवंटित करने का लक्ष्य रखा गया है। वर्षवार लक्ष्य का निर्धारण एमएसएमई एवं वित्त विभाग की सहमति से तय किया जायेगा।
योजना के लिए कौन है आवेदक
- यह योजना केवल उत्तराखंड के स्थायी निवासियों के लिए मान्य होगी।
- इस योजना के अंतर्गत राज्य के 18 वर्ष से अधिक आयु के उद्यमशील युवा, ग्रामीण बेरोजगार और किसान भाग ले सकते हैं।
- इस योजना में भाग लेने के लिए शैक्षणिक योग्यता की कोई बाध्यता नहीं होगी।
- इस योजना में एक व्यक्ति को केवल एक ही सौर ऊर्जा संयंत्र आवंटित किया जाएगा।
योजना के लिए क्या है मानक
- इस योजना के तहत 25 किलोवाट क्षमता के प्लांट आवंटित किये जायेंगे।
- 25 किलोवाट क्षमता का सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिए लगभग 1.5 से 2.0 नाली (300 वर्ग मीटर) भूमि की आवश्यकता होगी।
- 25 किलोवाट क्षमता तक के संयंत्र की स्थापना पर लगभग 40 हजार प्रति किलोवाट की दर से कुल 10 लाख का व्यय संभव है।
- उत्तराखंड राज्य में औसत सूर्य के प्रकाश की उपलब्धता के आधार पर 25 किलोवाट क्षमता का एक संयंत्र पूरे वर्ष में लगभग 1520 यूनिट प्रति किलोवाट की दर से प्रति वर्ष कुल 38000 यूनिट बिजली का उत्पादन कर सकता है।
- इस योजना के तहत यूपीसीएल द्वारा स्थापित 63 केवीए और उससे अधिक क्षमता के ट्रांसफार्मर से 300 मीटर एरियल डिस्टेंस (हवाई दूरी) तक और 100 मीटर एरियल डिस्टेंस (हवाई दूरी) तक सोलर पावर प्लांट लगाने के लिए आवेदन करना होगा।
- यदि ट्रांसफार्मर के आसपास निर्धारित दूरी में अधिक संख्या में आवेदक आवेदन करते हैं तो ऐसी स्थिति में आवेदकों की वार्षिक न्यूनतम आय के आधार पर परियोजना आवंटित की जायेगी।
- UPCL द्वारा राज्य में स्थापित 63 केवीए एवं उससे अधिक क्षमता के सभी ट्रांसफार्मरों के स्थानों की जानकारी ऑनलाइन पोर्टल पर उपलब्ध करायी जायेगी, जिसके आधार पर आवेदकों द्वारा आवेदन किया जा सकेगा।
- परियोजना से उत्पादित बिजली इस योजना के तहत आवंटित बिजली को यूपीसीएल द्वारा 25 वर्षों तक माननीय उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित दरों पर खरीदा जाएगा।
योजन हेतु अवेदान प्रक्रिया
- इस योजना हेतु उरेडा द्वारा Online Portal पर आवेदन आमंत्रित/प्राप्त किये जायेंगे।
- आवेदन के साथ प्रत्येक लाभार्थी को रू0 500/- (जी0एस0टी0 सहित) आवेदन शुल्क के रूप में निदेशक, उरेडा, देहरादून के पक्ष में बैंक ड्राफ्ट के रूप में जमा कराया जाना होगा अथवा उरेडा के खाता सं0 4422000101072887,] IFSC Code: PUNB0442200, ब्रांच: विधानसभा में जमा कराया जाना होगा।
- प्राप्त आवेदनों की स्क्रूटनी हेतु प्रत्येक जनपद में निम्नानुसार ‘तकनीकी समिति’’ गठित की जायेगी :-महाप्रबन्धक, जिला उद्योग केन्द्र अथवा उनके द्वारा नामित प्रतिनिधि।यू0पी0सी0एल0 के सम्बन्धित जनपद के अधिशासी अभियन्ता।जिला सहकारी बैंक के प्रतिनिधि।उरेडा के जनपदीय अधिकारी, (समन्वयक)।
- तकनीकी रूप से उपयुक्त पाये गये आवेदकों को परियोजना का आवंटन जनपद स्तर पर निम्नानुसार गठित समिति द्वारा किया जायेगा: -जिलाधिकारी अथवा उनके द्वारा नामित मुख्य विकास अधिकारी – अध्यक्ष।महाप्रबन्धक, जिला उद्योग केन्द्र – सदस्य।अधिशासी अभियन्ता, यू0पी0सी0एल0 – सदस्य।सम्बन्धित जनपद के सचिव/महाप्रबन्धक, जिला सहकारी बैंक – सदस्य।वरि0 परि0 अधिकारी/परियोजना अधिकारी, उरेडा – सदस्य सचिव।